जिंदगी है जीने के लिए इसे न गवाओ, बस थोड़ा मुस्कुराओ.
ये आंसू नमकीन हुए तो क्या कभी ज़ायका भी बदलना चाहिए, बस थोड़ा मुस्कुराओ.
माना के खाली हाथ आये हैं फिर यूँ ही जाना भी है, पर यूँ खाली से न रहो बस थोड़ा मुस्कुराओ.
गर कभी दिल भर भी आये और हँसा न जाए तो उनकी तरफ मूह कर के देखना
जिनकी आँखें ही खाली हैं, न सपने रख पाते हैं न आंसू भर पाते हैं
तो अपनी इस नम आँख और भरे मन के लिए ही सही, बस मुस्कुराओ.
राह पर चलते वक़्त कुछ लोग तुम्हे गिराएंगे, कुछ डरायेंगे, कुछ भटकायेंगे
पर तुम चलते जाना उनको सोचते हुए जिनके पैर भी नहीं
ज़ख़्मी हो चुके तो क्या पर अपने बहक चुके क़दमों के लिए ही सही बस मुस्कुराओ.
याद है कभी बचपन में कड़वी दवा पी थी तब हम ठीक हुए थे
अमृत लोगे जीवन का तो यह विष भी पिलाएगी
कुछ ऐसे भी हैं लोग जिन्हें स्वाद ही नहीं मिल पाता
कड़वे घूँट ही सही पीते जाओ, बेस्वाद जिंदगी के लिए ही सही थोड़ा मुस्कुराओ.
रोज़ रोज़ यूँ सबसे गिला करना तो कभी खुद से शिकवा रह कर, क्यों ज़ाया करते हो वक़्त को
ये दुश्मनी,अहं,नफरत,घमंड सबको क्या यादों के पिटारे में रखोगे??
संभाल कर तो प्यार के मोती रखे जाते हैं, बुरा था तो क्या वो बीत चुका है
तो उसके गुज़र जाने पर ही थोड़ा मुस्कुराओ.
तनहा हो तो तनहाई से दोस्ती कर लो,अकेले हो तो किसी बेसहारा का हाथ पकढ़ लो
काफी ग़म हैं ज़माने में, कमाया तो कई बार होगा? किसी का दर्द उधार रख कर देखो
फिर ब्याज में अपनापन जोड़ कर लौटाना,खुद के लिए न सही पर किसी खुदा के बंदे के लिए ही
थोड़ा मुस्कुराओ.
फिर भी दिल न समझे और दर्द बढ़ता जा रहा हो, जीने को ना चाह रहा हो
तो पूछना उनके नसीब का हाल जो लढ़ रहे हैं रोज़ अपनी चन्द बची धडकनों से
दर्द भरी ही सही पर अपनी इन धड़कती हुई धड़कनों के लिए ज़रा मुस्कुराओ.
इस जिंदगी के भी तुम कर्ज़दार हो की......... ज़िंदा हो
हाँ बस अपने लिए ही थोड़ा तो मुस्कुराओ.
ये आंसू नमकीन हुए तो क्या कभी ज़ायका भी बदलना चाहिए, बस थोड़ा मुस्कुराओ.
माना के खाली हाथ आये हैं फिर यूँ ही जाना भी है, पर यूँ खाली से न रहो बस थोड़ा मुस्कुराओ.
गर कभी दिल भर भी आये और हँसा न जाए तो उनकी तरफ मूह कर के देखना
जिनकी आँखें ही खाली हैं, न सपने रख पाते हैं न आंसू भर पाते हैं
तो अपनी इस नम आँख और भरे मन के लिए ही सही, बस मुस्कुराओ.
राह पर चलते वक़्त कुछ लोग तुम्हे गिराएंगे, कुछ डरायेंगे, कुछ भटकायेंगे
पर तुम चलते जाना उनको सोचते हुए जिनके पैर भी नहीं
ज़ख़्मी हो चुके तो क्या पर अपने बहक चुके क़दमों के लिए ही सही बस मुस्कुराओ.
याद है कभी बचपन में कड़वी दवा पी थी तब हम ठीक हुए थे
अमृत लोगे जीवन का तो यह विष भी पिलाएगी
कुछ ऐसे भी हैं लोग जिन्हें स्वाद ही नहीं मिल पाता
कड़वे घूँट ही सही पीते जाओ, बेस्वाद जिंदगी के लिए ही सही थोड़ा मुस्कुराओ.
रोज़ रोज़ यूँ सबसे गिला करना तो कभी खुद से शिकवा रह कर, क्यों ज़ाया करते हो वक़्त को
ये दुश्मनी,अहं,नफरत,घमंड सबको क्या यादों के पिटारे में रखोगे??
संभाल कर तो प्यार के मोती रखे जाते हैं, बुरा था तो क्या वो बीत चुका है
तो उसके गुज़र जाने पर ही थोड़ा मुस्कुराओ.
तनहा हो तो तनहाई से दोस्ती कर लो,अकेले हो तो किसी बेसहारा का हाथ पकढ़ लो
काफी ग़म हैं ज़माने में, कमाया तो कई बार होगा? किसी का दर्द उधार रख कर देखो
फिर ब्याज में अपनापन जोड़ कर लौटाना,खुद के लिए न सही पर किसी खुदा के बंदे के लिए ही
थोड़ा मुस्कुराओ.
फिर भी दिल न समझे और दर्द बढ़ता जा रहा हो, जीने को ना चाह रहा हो
तो पूछना उनके नसीब का हाल जो लढ़ रहे हैं रोज़ अपनी चन्द बची धडकनों से
दर्द भरी ही सही पर अपनी इन धड़कती हुई धड़कनों के लिए ज़रा मुस्कुराओ.
इस जिंदगी के भी तुम कर्ज़दार हो की......... ज़िंदा हो
हाँ बस अपने लिए ही थोड़ा तो मुस्कुराओ.
![]() |
AREY YE PICTURE DEKH KAR HI MUSKURADO.... 8)) |
No comments:
Post a Comment