Friday, April 8, 2011

A FIGHT AGAINST CORRUPTION.

उठो  करो  अब  वार 
न  बैठो  यूँ  लाचार
बहुत हुआ यह भ्रष्टाचार 
बैठा है दीमक बनकर खा गया यह घर-संसार 
उनको भी विकलांग किया जो थे कभी बढ़े होशियार. 

कुर्सी का भूखा है ये  दौलत ही इसका चारा है 
हर तरह का यह करता व्यापार
जो थाणे में भी जा बैठे तो दर्ज न होए F.I.R

है शातिर भी और समझदार 
हर जगह हैं इसके ठेकेदार 
दो-चार हो तो कोई मार गिराए 
पर यहाँ लगा हुआ बाज़ार. 

इस बाज़ार में हम भी बिकते हैं 
कभी जान की बोली लगती है 
ईमान की बोली लगती है 
हम में से ही उठते खरीददार 
कैसे मिटेगा भ्रष्टाचार???

एक उखाड़े तो दूजा बो देता 
कोई लड़ते लड़ते सब खो देता 
खत्म न होती यह क़तार.........

तो पहले खुद से करो यह वादा यार 
अब करोगे न इसको  स्वीकार.
न बैठो यूँ  लाचार
मिटादो अब यह भ्रष्टाचार.   






1 comment:

Nathaniel said...

ap ke jese sab sochne lage to ya hamra desh sab se age hota.